भारतीय संविधान
अनुच्छेद - 21 (1949)
भारतीय संविधान के Art.21 के अनुसार - जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा ।
अनुच्छेद- 20
भारतीय संविधान के Art.-20 में अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
(1) किसी भी व्यक्ति को अपराध के रूप में आरोपित अधिनियम के कमीशन के समय लागू कानून के उल्लंघन के अलावा किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया जाएगा, और न ही उस से अधिक दंड के अधीन किया जाएगा जो कि कानून के तहत लगाया जा सकता है।
(2) किसी भी व्यक्ति (person) को किसी एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार दंडित और अभियोजित नहीं किया जाएगा।
(3) किसी भी अपराध के आरोपीत व्यक्ति को अपने खिलाफ गवाह बनने के लिये मजबूर नहीं किया जाएगा।
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