शून्य काल (Zero Hour) क्या होता है ,भारतीय संसद के सापेक्ष में ?(UPSC,SSC all exam)

 शून्यकाल(Zero Hour):----



भारतीय संसद के दोनों सदनों के प्रश्न काल के तुरंत बाद के घंटे को शून्यकाल (Zero Hour) कहा जाता है।भारतीय संसद के इस शून्यकाल में विचार के लिए कोई भी विषय पहले से निर्धारित नहीं होता है।शून्यकाल में बिना पूर्व सूचना के सार्वजनिक महत्व का कोई भी प्रश्न उठाया जा सकता है।और सदन के किसी मंत्री से उतर देने के कहा जा सकता है।इसी वजह से इसे 'प्रश्न-उत्तर सत्र' भी कहा जाता है। 





शून्यकाल' (Zero Hour) संसदीय कामकाज के अंतर्गत प्रश्न काल के ठीक बाद का समय(Time ) होता है। यानि कि लोकसभा में कार्यवाही का पहला घंटा (11 से 12 बजे) प्रश्नकाल कहलाता है ,जबकि राज्यसभा में कार्यवाही के पहले घंटे को शून्यकाल (Zero Hour) कहते हैं। 






भारतीय संसदीय प्रक्रिया में 'शून्यकाल' शब्द का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।12 बजे प्रारंभ होने के कारण ही इसे 'शून्यकाल'(Zero Hour) कहा जाता है ,यह ठीक दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक के समय को समाचार पत्रों आदि द्वारा शून्यकाल (Zero Hour) नाम दिया गया। इसलिए संसदीय व्यवस्था में शून्य काल भारत की देन है। शून्यकाल नाम 1960ई. और 1970ई. के दशक के प्रारंभिक वर्षों में समाचार-पत्रों (news paper) मे उस समय दिया गया , जब बिना पूर्व सूचना के संसद में अविलंबनीय लोक महत्व के विषय उठाने की प्रथा विकसित हुई। यह व्यवस्था 1962 ई. से शुरू की गई थी। वर्तमान में शून्यकाल(Zero Hour) के दौरान संसद में कुल 20 मामले उठाये जा सकते हैं। 


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