सदी का दूसरा सूर्यग्रहण, जाने क्या खास है ,सूर्यग्रहण होने पर गर्भवती महिलाओं को क्या महत्वपूर्ण सावधानियां रखनी है?

 
सदी दूसरा सूर्यग्रहण जाने क्या खास है ,सूर्यग्रहण होने पर गर्भवती महिलाओं को क्या महत्वपूर्ण सावधानियां रखनी है....


🌒ग्रहण का समय



इस आने वाले 25 अक्टुबर 2022 को सूर्यग्रहण है। जिसका सूतक मध्य रात 2 :30 am से लग जायेगा। सूर्यग्रहण का समय दोपहर 2 : 29 से शाम 6 :32 मिनट तक रहेगा।





सूर्यग्रहण होने पर गर्भवती महिलाओं को क्या महत्वपूर्ण सावधानियां रखनी है..? 🌗🌗🌘


चंद्रग्रहण हो या फिर सूर्यग्रहण को लेकर गर्भावस्था मे बहुत सी अवधारणा रहती है। की आपको प्रेग्नेंसी मे घर से बाहर नही जाना है। आपको पका हुआ खाना नही खाना है। आपको खाना बनाना भी नही है। इसके अलावा तेज धार वाली चीजे जैसे चाकू , कैंची, ब्लेट आदि चीजो को आपने पास भी नही रखना है। और इनका प्रयोग भी नही करना है। और ऐसा भी कहा जाता है कि सुई धागा का भी उपयोग नही करना है। और इससे कड़ी बात ये भी है कि आपको मल मूत्र बिसर्जन् भी नही करना है। यानी बॉथ रूम भी नही जाना है।




तो आइये जाने की धारणाएँ ये गलत है या सही....


पहली धारणा :

 जैसे कि ग्रहण के दौरान आपको बाहर नही जाना है। ये पुराने जमाने मे जब बिजली ही नहीं थी। तब से ये धारणा प्रचलित है। जब सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य ढक जाता है। और अंधेरा फैल जाता है। जब पुराने जमाने मे बिजली नही थी और ग्रहण के समय आप बाहर चले गए।तो प्रेग्नेंसी मे आपको पैर फिसलने का डर था। वैसे ही प्रेग्नेंसी के दौरान चलने और बैठने मे दिक्कत रहती है। तो अंधेरे मे दिखाई सही से देता नही है। तो गिरने का डर ज्यादा रहता है शायद उसी के वजह से ये धारणा आई है। की आपको सूर्यग्रहण के समय बाहर नही जाना है।ये सोच प्रचलित हुई है।




दूसरी ये धारणा : 

जैसे कि आप जब ग्रहण की तरफ देखते हैं। जब आप सूरज की तरफ देखते हैं तो आपकी आँखों की रोशनी चली जाती है। इसका कारण ये हो सकता है। की जब सूर्यग्रहण मे बाकी सब जगह अंधेरा रहता है। और जो सूर्य का थोड़ा सा भाग दिखाई पड़ता है। और जो थोड़ी सी रोशनी आती हैं और जो हम देखने की कोशिश करते हैं। और जब लगातार देखने की कोशिश करते हैं।तो हमारी आँखों को थोड़ी सी जलन होने लगती हैं।हमारी आँखों के पीछे जो पर्दा रहता है। जिसे हम ( retina) कहते हैं। उसमे बर्न पड़ जाता है। ये सूरज की किरणो से आँखों से सही से कुछ दिखाई नही देता है। जिसे हम ( Eclipsi blindness ) कहते हैं। इसलिए ग्रहण को देखने के लिए चस्मे का प्रयोग किया जाता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रहण को देख लिया। तो आपकी बेबी कि आँखो की रोशनी चली जाती है। ये धारणा बिल्कुल गलत है। जो कुछ होने वाला है। वो आपको होगा। बेबी को नही।




तीसरी धारणा :

 सूर्यग्रहण मे प्रेग्नेंसी मे आपको बाथरूम नही जाना है। क्योंकी ये बाथरूम और toilets घर से थोड़ी दूर जगह पर रहते थे। और ग्रहण के समय अंधेरा छा जाता था। और हमे कुछ दिखाई नही देता था। और गिरने का डर रहता है। इसलिए कहते हैं कि मल मूत्र विसर्जन सूर्यग्रहण के पहले या बाद मे करिये। की आपको सूर्यग्रहण के दौरान ना जाना पड़े। लेकिन आजकल अब तो घर के अंदर ही सारी सुविधा हो गई है। घर के अंदर ही बाथरूम रहते है,। ये जो धारणाएँ है। ये सभी मिथ्य है।




चौथी धारणा : 

यह की प्रेग्नेंसी के दौरान आपको चाकू और कैंची आदि नुकीली चीजे पास मे नही रखना है। नही तो बेबी के होंठ मे छेद हो जायगा। या सुई का प्रयोग कर लिया तो बेबी के दिल मे छेद हो जाता है। ये धारणा मिथ्य है। इसका भी यही कारण है कि सूर्यग्रहण के दौरान अंधेरा छा जाने से कुछ दिखाई नही देता है। और ये नुकीली चीजो को पास मे रखने से कही आपको खुद कोई चोट ना लग जाए। आपके बेबी पर इसका कोई भी असर नही होगा। क्युकी बेबी पेट मे बहुत सुरक्षित है।




पाँचवी धारणा :

 यह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रहण में कुछ पकाना नही है और कुछ खाना नही है। और ग्रहण के पहले पकाई हुई चीजे खाना नही है। फेक देना है। ये धारणा के पीछे भी शायद यही सोच रहेगी । की जब आप भोजन पकती हो। तो आपको बहुत हिलाना डुलना पड़ता है। और जब बिजली नही थी तब अंधेरे मे करना थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। और कही आपको चोट नही लग जाए। इसलिए ये धारणा सामने आई है।




ग्रहण के समय सूतक से लेकर ग्रहण तक कुछ नही खाना है और पीना है। तो ये प्रेग्नेंसी मे थोड़ी खतरनाक होती है अगर 15/16 घंटे तक आप कुछ भी खाया नही पीया नही तो आपको पानी की कमी, चक्कर आना , गैस बनना , आपको गैस के वजह से सिर दर्द होने लगता है। ऐसा आपको बिल्कुल नहीं करना है। br />



ग्रहण के समय हम क्या करें और क्या खायें🍐🍊🍊🍱





आप अच्छे ताजे फल खा सकते हो। घर पर अच्छा पका हुआ खाना खा सकते हो और एक धारणा है कि सोना नही है। बैठे रहना है और पूजा पाठ करते रहना है। हाँ पूजा पाठ करना सही है। इससे हमारे मन जो डर है। और चिन्ता है । वह काफी हद तक कम हो जाती हैं। और सोने नहीं है। ऐसी कोई भी धारणा सही नही है। इसका कोई कारण भी नही बताने की तो आप बिना चिंता के सो सकते हो। और आप अच्छी नींद ले सकते हो।




ये ग्रहण की जो धारणाएँ है। जो हम बाते करते हैं। इस विषय पर नाशा मे भी इसके ऊपर Research हुआ है। और ये बहुत सारी गलतफैमिया है। मिथ्स है। उसको सिद्ध कर दिया है। की ये सब गलत धारणाएँ है।




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लेकिन हमारे घर में बड़े बुजुर्ग है। और हमारी माँ या सासु माँ है। हमे पता है । कि ग्रहण का कोई भी प्रभाव हमारे बच्चे पर नही पड़ता है। मगर थोड़ा सा उनकी बातो पर ध्यान रखना है। ताकि उनको बुरा न लगे। और घर का संतुलन बना रहे। 





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