क्या IPC की धारा - 323, 325, 504, 506 जमानतीय है या नहीं? सजा क्या मिलती है? जमानत कैसे कराएं?

आईपीसी 323: स्वेच्छा से चोट पहुँचाना। आईपीसी 504: जानबूझकर अपमान। इन भारतीय दंड संहिता की धाराओं से समझौता किया जा सकता है। IPC 506: आपराधिक धमकी


सभी धाराये जमानतीय है। धारा 506 छह माह के लिए गैर जमानतीय भी हो सकती है।


धारा 323 IPC के अपराध के लिए


किसी ऐसी अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।


धारा 325 IPC के अपराध के लिए


किसी ऐसी अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।


धारा 504 IPC के अपराध के लिए


किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है।


धारा 506 IPC के अपराध के लिये दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जा सकता है।

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