प्रथम लोकपाल:----
भारत के पहले लोकपाल (First Lokpal of India) न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष थे। माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें 23 मार्च, 2019 को लोकपाल अध्यक्ष के रूप में पद की शपथ दिलाई थी। जिसके बाद उनका कार्यकाल 27 मई, 2022 को पूरा हो गया है।
इसके बाद माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती को 28 may 2022 से लोकपाल अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया हुआ है। जो कि वर्तमान लोकपाल हैं। पिनाकी चंद्र घोष मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) से रिटायर हुए थे। इनकी नियुक्ति 16 जनवरी, 2014 को लोकपाल अधिनियम को अधिसूचित किए जाने से लगभग 5 साल बाद हुई थी।
इससे पहले भी वह कोलकाता और आंध्र प्रदेश सरकार में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Cheaf justice) रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होते हि वह जून 2017 से मानवाधिकार आयोग (Humen Right Commission) के सदस्य हैं।
हम आपको बता दें कि माननीय जस्टिस पीसी घोष महोदय ने ही शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले में दोषी ठहराया था। लोकपाल और लोकायुक्त कानून के तहत कुछ श्रेणियों के सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार( Corruption) के आरोपों की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है। यह कानून 2013 में पास किया गया था।
भारतीय संसद में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, जो लोक सेवकों(public servent) की कुछ श्रेणियों के खिलाफ भ्रष्टाचार (corruption) के मामलों को देखने के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की परिकल्पना करता है, सन 2013 में पारित किया गया था।
1 टिप्पणियाँ
nice article bhai
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