इनकम टैक्स रिटर्न या ITR क्या है? what is ITR (income tax return)

Income Tax Return:


भारतीय नागरिकों को आयकर के नियमों और कानूनों के अनुसार भारत सरकार को अपनी आय पर कर(tax) का भुगतान करना ही पड़ता है। चाहे वह व्यक्ति, संघ या एक फर्म, एलएलपी, स्थानीय प्राधिकरण या एक हिंदू अविभाजित परिवार हों, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आपकी आय(income) पर आयकर कानूनों के अनुसार कर(tax) लगाया जाता है। इसलिए, प्रत्येक भारतीय व्यक्ति को जो भी income tax के दायरे में आता है उसे वार्षिक आधार पर अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना आवश्यक है। आप अपनी सुविधा के अनुसार income tax return ऑनलाइन या ऑफलाइन भर सकते हैं। ITR हर फाइनेंशियल ईयर में जोकि( 1 अप्रैल से 31 मार्च ) तक होता है, के बीच भरा जाता है।





Income Tax Return क्या होता है?


आईटीआर समय से फाइल करना क्यों जरूरी है। आईटीआर यानी कि income tax return एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है।  जिसे एक व्यक्ति भारतीय आयकर विभाग को अपनी आय और संपत्ति संबंधी उस वर्ष के दौरान देय करों के बारे में जानकारी दर्ज करने के लिए जमा करता है। ITR में दी गई जानकारी किसी विशेष फाइनेंशियल ईयर(वित्तीय वर्ष) के लिए अगले वर्ष की 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच लागू होनी चाहिए। आप जो भी आय(income) अर्जित करते हैं ,वह वेतन, व्यवसाय में लाभ, घर या संपत्ति की बिक्री, लाभांश या पूंजीगत लाभ, और अन्य के बीच प्राप्त ब्याज(intrest) जैसे स्रोतों से प्राप्त हो सकती है। अगर आपने एक वर्ष के बीच अधिक कर का भुगतान किया है, तो आपका धन आयकर विभाग द्वारा आपको वापस कर दिया जाता है। आईटीआर ज्यादातर online मोड में भरा जाता है , लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे मैन्युअल अर्थात offline रूप से भी दाखिल करने का विकल्प मौजूद होता है।
करदाता के रूप में एक व्यक्ति, आर्टिफिशियल न्यायिक व्यक्ति, फर्म, ट्रस्ट, कंपनी या एक समाज हो सकता है। इनकम टैक्स भरते समय व्यक्ति को कोई भी डॉक्यूमेंट(दस्तावेज) अटैच नहीं करना पड़ता। फार्म को फाइनल सबमिट करने के लिए करदाता को ITR फाइल को आधार लिंक मोबाइल नंबर या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके उत्पन्न ओटीपी(OTP) के माध्यम से ई-सत्यापित(e- KYC ) के द्वारा से किया जाता है।


कौन कर सकता है ITR फाइल?


भारतीय इनकम टैक्स लॉ(कानून) के अनुसार कुछ कैटेगरी बनाई गई है जिसके अंतर्गत आने वाले सभी करदाताओं को एक निहित समय के अंदर इनकम टैक्स भरना जरूरी होता है।


टैक्स के दायरे से बाहर कौन आते हैं-


  • यदि कोई व्यक्ति 60 साल से अधिक है और 80 साल से कम आयु का है ,और वार्षिक आय 3 लाख है तो उस व्यक्ति को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
  • यदि कोई व्यक्ति 60 वर्ष से कम आयु का है ,और उसकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये है , तो उस व्यक्ति को टैक्स नहीं देना होगा। इससे अधिक लिमिट वाले व्यक्ति को आईटीआर फाइल करना होगा।
  • और यदि कोई व्यक्ति 80 वर्ष से अधिक का है , और उसकी वार्षिक आय 5 लाख है, तो उस व्यक्ति को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।


इन लोगों को भरना होगा आईटीआर


  • यदि किसी व्यक्ति की आय तय लिमिट के अनुसार है, लेकिन एक या अधिक चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि या कुल धनराशि जमा करता है, तो उसे ITR के दायरे  में रखा जाएगा।
  • किसी व्यक्ति के बिजली की खपत दर पर 1 लाख रुपये से अधिक व्यय होता है तो उसे भी ITR भरना होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति विदेश यात्रा में 2 लाख रुपये से अधिक का व्यय(खर्च) करता है, तो उसे भी ITR के दायरे में रखा जाएगा
  • कार्यरत ऐसी प्रत्येक कंपनी और फर्म चाहे उसे नुकसान हो या मुनाफा हो उसे ITR फाइल करना ही होगा

आपको आईटीआर क्यों फाइल करना चाहिए?

  • लोन अप्रूवल

यदि आपने हमेशा समय पर अपना income tax return फाइल किया है, तो आपको आसानी से लोन मिल सकता है।

  • कानूनी कार्रवाई


अगर आप अपना income tax return फाइल करने में लेट हो जाते हैं । तो आपको आईटी डिपार्टमेंट से एक नोटिस प्रेषित(send) जाएगा और आप कानूनी मुसीबत में भी फंस सकते हैं। यदि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगता है कि नोटिस का जवाब संतुष्ट करने वाला नहीं है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके खिलाफ लीगल एक्शन ले सकता है।

  • पेनाल्टी या fine से बचने के लिए


अगर आप income tax return नहीं भरते हैं तो आप पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही साथ इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत ITR भरने में देर होने की स्थिति में ब्याज(intrest) लगाया जा सकता 

  • वीजा

 वीजा अप्लाई करते समय दूतावास आपसे ITR हिस्ट्री सबमिट करने के लिए कहते हैं। यदि आपने समय पर income tax return भरा है तो आपको वीजा मिलने में समस्या नहीं आएगी।






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