The History of the Boston Tea Party and the Consequences of the Event ( बोस्टन चाय पार्टी का इतिहास तथा इस घटना के परिणाम ) ??

 Boston Tea Party Incident ( बोस्टन चाय पार्टी कि घटना ) --


बोस्टन चाय पार्टी का इतिहास 


वर्ष 1763 कि बात है जब ब्रिटिश साम्राज्य वित्तीय संकटों से घिरा हुआ था. इस संकट का हल ढूँढने के लिए ब्रिटिश सरकार ने कर का सहारा लिया ।यह बात उसी समय कि है जब ब्रिटिश कंपनी का भारत के साथ अमेरिका में भी भारी उपनिवेश था।








उस समय अमेरिका में चाय की खपत बड़े पैमाने पर होती थी, वित्तीय संकट तथा इस समस्या से बचने के लिए ब्रिटिश सरकार की संसद ने चाय (Tea) पर अतिरिक्त कर लगा दिया। ब्रिटेन ने अपने अमेरिकी उपनिवेशों के विरोध प्रदर्शन के कारण कई कर हटा लिए थे । लेकिन चाय पर लगाया हुआ कर उन्होंने नहीं हटाया था । जिस वजह से अमेरिकी व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन चालु किया। क्रान्तिकारियों द्वारा अपना एक गुट बना था। इस गुट द्वारा उस आयोजन में लोगों के अंदर जोश भर दिया गया था। इस सभा के स्थगित होते हि क्रांतिकारी बोस्टन बंदरगाह की ओर बढ़ने लगे। तथा व्यापारियों के आग्रह करने पर इन क्रांतिकारियों ने एक चाल चली। 


 ब्रिटिश संसद ने चाय व्यापार से सम्बंधित एक नया कानून बनाया, इस कानून के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) को अमेरिका में चाय(Tea)  भेजने की अनुमति दी गई थी|अमेरिका का एक प्रसिद्ध बंदरगाह बॉस्टन है|

जब  16 दिसंबर1773 ई. में अंग्रेजों के जहाज चाय लेकर अमेरिका के बोस्टन बंदरगाह पर पहुंचे तो वहां मजदूरों ने उस चाय को उतारने से मना कर दिया| जब ब्रिटिश गवर्नर ने चाय उतारने का आदेश दिया , तब कुछ अमेरिकी मजदूर रेड इंडियन की वेशभूषा में चाय वाले जहाजों पर चढ़ गए ,

फिर, उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के लगभग 342 चाय से भरी पेटियों को समुद्र में फेंक दिया। इस काम को अंजाम देने के लिए लगभग 100 से अधिक क्रांतिकारियों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने इस बड़ी घटना को मात्र 3 घंटो में अंजाम दिया था।।।


इस घटना में ब्रिटिश सरकार कि लगभग 90 हजार पाउंड (45 टन) चाय का नुकसान हुआ था । जिस सब का अनुमानित मूल्य लगभग 10 लाख डॉलर के करीब था । इतिहास में इसी बड़ी घटना को ही ‘बोस्टन चाय पार्टी’ (Boston Tea Party) के नाम से जाना जाता है।  

ऐसा कहा जाता है कि बाकी बची हुई पेटियां भी वहीं पड़े-पड़े नष्ट हो गई थी। 



बोस्टन चाय पार्टी के परिणाम -

इस घटना का अमेरिका की क्रांति में बहुत बड़ा स्थान है|इसी घटना के फलस्वरूप ब्रिटिश साम्राज्य में उत्तेजना कि लहर फैल गई। जिस वजह से ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी नीतियों का समर्थन किया और फलस्वरूप ब्रिटिश संसद ने मेसाचुएट्स एक्ट (Massachusetts Act) पास किया|


इस एक्ट (कानून) के द्वारा ब्रिटिश सैनिक कमांडर को अमेरिकन प्रान्तों का राज्यपाल बना दिया गया| इन सब वजहों का व नीतियों का उपनिवेश पर गहरा और प्रतिकूल प्रभाव पड़ा| ब्रिटिश की सरकार ने उपनिवेशवासियों को दंडित करने के लिए बोस्टन के बंदरगाह व्यापार के लिए बंद कर दिया, इस वजह से विद्रोह और भी उग्र हो गया तथा इस विद्रोह को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने अपनी सेनाएं भेज दी, और अंततः परिणाम स्वरुप 1775 ई. में अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम छिड़ गया|

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