पर्यावरण किसे कहते हैं तथा इसके प्रकार क्या है?| एवं पर्यावरण की परिभाषा | Paryavaran kise kahate hain|What is Environment


पर्यावरण किसे कहते हैं तथा इसके प्रकार क्या है?| एवं पर्यावरण की परिभाषा | Paryavaran kise kahate hain|What is Environment







पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर उपस्थित परिवेश एवं वातावरण से है , जिस वातावरण से हम सब घिरे हैं। इसको हम सरल शब्दों में कह सकते है , कि जो भी कुछ जीव के चारों ओर विद्यमान होता है, वह उसका पर्यावरण(Environment) होता है।

पर्यावरण किसे कहते हैं -


पर्यावरण शब्द ‘परि’ एवं ‘आवरण’ से मिलकर बना हुआ है। जिसमे परि का अर्थ चारों ओर व आवरण का अर्थ ,घेरा होता है अर्थात् हमारे चारों ओर जो कुछ भी विद्यमान है(दृश्यमान एवं अदृश्य वस्तुएँ हैं) वही पर्यावरण है। इसको हम दूसरे शब्दों में यह कह सकते है ,कि हमारे आस-पास जो भी पेड़-पौधें, जीव-जन्तु, वायु, जल, प्रकाश, मिट्टी आदि तत्व विद्यमान हैं वही हमारा पर्यावरण है।




पर्यावरण की परिभाषा(Definition of Environment) -


विभिन्न विद्वानों एवं लेखकों द्वारा पर्यावरण की परिभाषाएं भी भीन्न-भीन्न दी गई है , कुछ विद्वानों कि परिभाषाएं ---


सी. सी. पार्क (1980) के अनुसार- ‘‘पर्यावरण का अर्थ उन दशाओं के समूह से है जो मनुष्य को निश्चित समय और स्थान पर आवृत्त करता है।’’


डी0 डेविस के अनुसार- ‘‘पर्यावरण से अभिप्राय है कि जीव के चारों ओर से घेरे उन सभी भौतिक स्वरूपों से जिनमें वह रहता है जिनका उनकी आदतों एवं क्रियाओं पर प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार के स्वरूपों में भूमि, जलवायु, मिट्टी की प्रकृति, वनस्पति, प्राकृतिक संसाधन, जल, थल आदि सम्मिलित हैं।’’

पर्यावरण को परिभाषित करते हुए एनसाइक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका में लिखा है कि- ‘‘पर्यावरण उन सभी वाह्य प्रभावों का समूह है जो जीवों को प्राकृतिक, भौतिक एवं जैविक शक्ति से प्रभावित करते रहते है तथा प्रत्येक जीव को आवृत्त किये रहते है।’’


वोरिंग के अनुसार - ‘‘एक व्यक्ति के पर्यावरण में वह सब कुछ सम्मिलित किया जाता है जो उसके जन्म से मृत्युपर्यन्त तक प्रभावित करता है।’’

बोरिंग ने पर्यावरण को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है- एक व्यक्ति के पर्यावरण में वह सब कुछ सम्मिलित किया जाता है जो उसके जन्म से मृत्युपर्यन्त तक उस पर प्रभाव डालता है। एक व्यक्ति का जन्म ,जीवन एवं मृत्यु आदि सभी पर्यावरण की परिधि में आते हैं।

डगलस व हालैण्ड के अनुसार- ‘‘पर्यावरण या वातावरण वह शब्द है, जो समस्त बाह्य शक्तियों, प्रभावों और परिस्थितियों का सामूहिक रूप से वर्णन करता है, जो जीवधारी के जीवन, स्वभाव, व्यवहार और अभिवृद्धि, विकास तथा प्रौढ़ता पर प्रभाव डालता है।’’

अतः इन परिभाषाओं को देखते हुए यह कहना ग़लत नहीं होगा कि जो कुछ भी हमारे चारों ओर स्थित है ,और जो हमारे रहन-सहन की दशाओं एवं हमारी मानसिक क्षमताओं को प्रभावित करता है, वही पर्यावरण कहलाता है।



पर्यावरण के प्रकार(Types of Environment) -




पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं? पर्यावरण को हम तीन खण्डों में विभाजित कर सकते हैं-

1. भौतिक पर्यावरण --


  • सूर्य

  • वायु

  • पृथ्वी

  • जल

  • ऊर्जा

2. जैविक पर्यावरण -


जैविक पर्यावरण को हम दो भागों में बाँट सकते हैं---

  • प्राणी जगत
  • वनस्पति जगत

3. सामाजिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण -


अगर देखा जाए तो मानव सभ्यता का इतिहास वस्तुत: प्रकृति की आराधना, सामंजस्य, समन्वय एवं संघर्षों के घात-प्रतिघातों का ही इतिहास है। एक मनुष्य के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक उसके जीवन में जो भी क्रियायें होती है, उन सभी को उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक दशाओं की श्रेणी के अंतर्गत रखा जाता है।


 पर्यावरण का प्रभाव ---


पर्यावरण का प्रभाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार का होता है। तथा इनके कुछ तत्व भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष  होते हैं। इन तत्वों का ज्ञान मानव समाज में समान रूप से नहीं है। जिसके कारण कुछ असावधानियाँ हो जाती हैं। इसका परिणाम सम्पूर्ण जैव जगत को भोगना पड़ता है।




हमारे वायुमण्डल में उपस्थित ओजोन गैस की भूमिका अमूर्त तत्व के रूप में है। ऊपरी वायुमण्डल की यह गैस सूर्य की परावैगनी किरणों (Ultra-voilet rays) को रोकती है, जिसके कारण हमारी पृथ्वी की उष्मा (Heat) संतुलित रहती है।







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